पोरबंदर, 14 अप्रैल । गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) और भारतीय तटरक्षक बल (ICG) की संयुक्त कार्रवाई में पोरबंदर के पास अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) के निकट 300 किलो मेथमफेटामाइन ड्रग्स बरामद की गई है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत 1800 करोड़ रुपये है। यह खेप पाकिस्तान की एक फिशिंग बोट से गुजरात के समुद्री क्षेत्र में लाई गई थी और इसे आगे तमिलनाडु भेजने की योजना थी।

ATS के डीआईजी सुनील जोशी ने अहमदाबाद में जानकारी देते हुए बताया कि ATS को खुफिया जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान का कुख्यात ड्रग माफिया “फीदा” करीब 400 किलो अवैध मादक पदार्थ गुजरात भेजने वाला है। इसके बाद ATS ने कोस्ट गार्ड से संपर्क कर संयुक्त ऑपरेशन की योजना बनाई।
कोस्ट गार्ड के कमांडर अमित उनियाल ने बताया कि इनपुट मिलते ही एक ICG जहाज को उत्तर महाराष्ट्र-दक्षिण गुजरात क्षेत्र से IMBL की ओर भेजा गया। रात के अंधेरे में ऑपरेशन के दौरान संदिग्ध नाव ने जब तटरक्षक जहाज को करीब आते देखा, तो उसने मादक पदार्थ समुद्र में फेंकना शुरू कर दिया और भागने की कोशिश की।
सतर्क ICG टीम ने नाव का पीछा कर उसे IMBL पार करने से पहले ही रोक लिया और समुद्र में फेंकी गई खेप को विशेष समुद्री बोट्स की मदद से बरामद कर लिया। तलाशी के दौरान 311 पैकेट में कुल 311 किलो मेथमफेटामाइन मिला, जिसे बाद में जांच के लिए पोरबंदर लाया गया और ATS को सौंप दिया गया।
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी और कोस्ट गार्ड ने इस सफलता को सोशल मीडिया पर साझा किया है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए गुजरात ATS और ICG की प्रशंसा की है।
हालांकि इस घटना पर विपक्ष ने भी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा कि गुजरात अब ड्रग्स का प्रवेश द्वार बनता जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार यह नहीं जानती कि निजी बंदरगाहों के जरिए ड्रग्स कैसे प्रवेश कर रहे हैं और इस सिंडिकेट के मास्टरमाइंड्स तक क्यों नहीं पहुंचा जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि 2018 से अब तक ATS ने समुद्री मार्ग से आए ड्रग्स के कुल 5400 किलो जब्त किए हैं, जिनकी कीमत लगभग 10,000 करोड़ रुपये है। इन मामलों में 77 पाकिस्तानी, 34 ईरानी और 2 नाइजीरियन नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है।