पूर्वी चंपारण, 1 जुलाई:
भारत-नेपाल सीमा पर मानव तस्करी की एक बड़ी कोशिश को SSB की Anti Human Trafficking Unit ने विफल कर दिया है। रक्सौल बॉर्डर के पास से 03 नाबालिग लड़कियां और 02 लड़कों को तस्करों के चंगुल से रेस्क्यू किया गया। इस दौरान दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है—मोहम्मद सिराज (उत्तर प्रदेश) और मोहम्मद रियान (नेपाल)।
कैसे हुआ खुलासा?
गुप्त सूचना के आधार पर 47वीं वाहिनी एसएसबी, प्रयास जुवेनाइल एड सेंटर और स्वच्छ रक्सौल की संयुक्त टीम ने मैत्री पुल के पास चेकिंग अभियान चलाया। कुछ देर में नेपाली बच्चे अकेले सीमा पार करते दिखे। शक के आधार पर उन्हें रोका गया और काउंसलिंग के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ—बच्चों को बहला-फुसलाकर भारत लाया जा रहा था।
क्या था बच्चों का बयान?
बच्चों ने बताया कि उन्हें तस्करों ने पहले दिल्ली और फिर हैदराबाद ले जाने का झांसा दिया था। ये सभी गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं और अभिभावकों ने लालच में आकर तस्करों पर भरोसा कर उन्हें सौंप दिया था।
नाम और पहचान छिपाने की कोशिश
बच्चों की काउंसलिंग के दौरान एक हैरान करने वाला सच सामने आया—तस्करों ने बच्चों को मुस्लिम नाम अपनाने और खुद को उनके रिश्तेदार बताने की ट्रेनिंग दी थी। जबकि सभी बच्चे हिंदू समुदाय से हैं। यह एक सुनियोजित साजिश थी, ताकि बच्चों को बिना शक के भारत लाया जा सके।
कार्रवाई और अगली प्रक्रिया
रेस्क्यू के बाद सभी बच्चों और दोनों तस्करों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए हरैया थाना पुलिस को सौंप दिया गया है।
इस संयुक्त अभियान में इंस्पेक्टर विकास कुमार, एएसआई खेम राज, हवलदार अरविंद द्विवेदी, सिपाही सुनीता और लक्ष्मी, प्रयास की आरती कुमारी, सामाजिक कार्यकर्ता राज गुप्ता, तथा स्वच्छ रक्सौल से रणजीत सिंह और साबरा खातून शामिल थे।