गरियाबंद/रायपुर, 7 जून। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में बीते बुधवार से चल रही 60 घंटे लंबी भूख हड़ताल शुक्रवार देर रात खत्म हो गई। जिला प्रशासन ने आदिवासियों की 10 में से 6 प्रमुख मांगों को मानते हुए सहमति पत्र जारी किया। एसडीएम पंकज डाहिरे ने मंच पर पहुंचकर आंदोलनकारियों को जूस पिलाकर हड़ताल समाप्त कराई।
जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम और लोकेश्वरी नेताम के नेतृत्व में आदिवासी समुदाय 4 जून से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठा था। आदिवासी विकास परिषद के प्रतिनिधि मंडल ने आंदोलनकारियों की बिगड़ती तबीयत को देखते हुए कलेक्टर से मुलाकात की और मांगों पर विचार का आग्रह किया।
प्रमुख मांगों में शामिल था अमलीपदर सुखतेल नदी में आवागमन की सुविधा बहाल करना, जहां पिछले 5 वर्षों से 7 करोड़ रुपये की लागत से पुल निर्माण अधूरा पड़ा है। एसडीएम ने आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन अपने मद से रपटा निर्माण कराएगा। साथ ही शुक्ला नाला, अड़गड़ी और जरहीडीह में भी रपटे और पुल निर्माण को लेकर विभागों को निर्देशित किया गया है।
इसके अलावा मैनपुर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को दूर करते हुए 3 नियमित डॉक्टरों की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं। राजपड़ाव क्षेत्र में निर्माणाधीन स्कूल भवन का काम और जर्जर भवनों की मरम्मत जून के अंत तक पूरी की जाएगी।
सबसे अहम घोषणा के तहत कलेक्टर ने बताया कि 13 वन ग्रामों को आगामी 2 अक्टूबर को राजस्व ग्राम घोषित किया जाएगा।