पंचांग : शुक्रवार, 06 जून 2025

🔹 विशेष दिन – गायत्री जयंती एवं निर्जला एकादशी का पुण्य अवसर। व्रत-उपवास, जप, तप एवं दान का विशेष महत्व।
🔹 दिन संख्या – वर्ष का 157वां दिन
🔹 ऋतु – वर्षा
🔹 दिशाशूल – पश्चिम दिशा (यात्रा टालें या उचित उपाय करें)
🌞 सूर्योदय के समय ग्रह स्थिति:
- सूर्य – वृष
- चंद्रमा – कन्या
- मंगल – कर्क
- बुध – वृष
- गुरु (बृहस्पति) – मिथुन
- शुक्र – मेष
- शनि – मीन
- राहु – कुंभ
- केतु – सिंह
🕑 लग्नारंभ समय:
- मिथुन – 05:54 बजे
- कर्क – 08:07 बजे
- सिंह – 10:23 बजे
- कन्या – 12:35 बजे
- तुला – 14:46 बजे
- वृश्चिक – 17:00 बजे
- धनु – 19:16 बजे
- मकर – 21:22 बजे
- कुंभ – 23:08 बजे
- मीन – 00:41 बजे (7 जून)
- मेष – 02:11 बजे
- वृष – 03:51 बजे
🪔 तिथि, नक्षत्र, योग, करण:
- तिथि – एकादशी, समाप्ति: सुबह 04:49 बजे
- नक्षत्र – हस्त, समाप्ति: 06:34 बजे
- योग – व्यतीपात, समाप्ति: 10:13 बजे
- करण – वणिज, समाप्ति: 15:32 बजे, तत्पश्चात विष्टि
📜 संवत् एवं अन्य पंचांगीय मानक:
- विक्रम संवत् – 2082
- शक संवत् – 1947
- मास – ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष
- कलियुग संवत् – 5125
- हिजरी सन् – 1446, महीना: जिल्हेज, तारीख: 09
🌅 सूर्य उत्तरायण | 🌕 चंद्रायु – 9.9 घंटे
📖 टिप्पणी:
गायत्री जयंती और निर्जला एकादशी का योग इस दिन को अत्यंत पावन बनाता है। निर्जला एकादशी का व्रत बिना जल के रखा जाता है और इसे सभी एकादशियों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। धार्मिक कार्यों और व्रत उपवास के लिए यह दिन उत्तम है।