शंघाई, 10 मई। तीरंदाजी विश्व कप चरण-2 में भारत की मधुरा धामनगांवकर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए शनिवार को यूएसए की कार्सन क्रेहे को 139-138 से हराकर अपने करियर का पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक हासिल किया।
तीन साल के अंतराल के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में वापसी कर रहीं 24 वर्षीय मधुरा विश्व तीरंदाजी रैंकिंग में फिलहाल बिना रैंक के हैं। मुकाबले में तीसरे सेट तक वह 81-85 से पीछे थीं, लेकिन उन्होंने चौथे सेट में जबरदस्त वापसी की और सिर्फ एक अंक गंवाते हुए स्कोर 110-110 से बराबर कर दिया। निर्णायक सेट में उन्होंने दो परफेक्ट 10 और एक 9 के साथ आत्मविश्वास दिखाया और एक अंक से मुकाबला अपने नाम कर लिया।
यह मधुरा का इस टूर्नामेंट में तीसरा पदक रहा। इससे पहले उन्होंने महिला टीम स्पर्धा में रजत और मिश्रित टीम स्पर्धा में अभिषेक वर्मा के साथ कांस्य पदक जीता था। मधुरा की पिछली अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति 2022 में मेडेलिन में हुई थी।
पुरुष टीम स्पर्धा में भारत के अभिषेक वर्मा, ओजस देवताले और ऋषभ यादव की तिकड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मैक्सिको को 232-228 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। भारत ने पहले छोर पर 59 अंकों के साथ बढ़त बनाई, हालांकि मैक्सिको ने दूसरे छोर पर वापसी की। तीसरे और चौथे राउंड में भारतीयों ने संयम बनाए रखा और 59 अंकों के अंतिम स्कोर के साथ जीत पक्की कर ली।
महिला कंपाउंड टीम फाइनल में भारत की ज्योति सुरेखा वेन्नम, मधुरा धामनगांवकर और चिकिथा तानिपार्थी की टीम को मजबूत मैक्सिकन टीम के हाथों 221-234 से हार का सामना करना पड़ा और टीम को रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
कुल मिलाकर भारत ने इस चरण में व्यक्तिगत और टीम दोनों स्तरों पर शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक अपने नाम किए।