नई दिल्ली, 14 मई।
भारत के तीनों सेनाओं के प्रमुखों और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात कर आतंकवाद के खिलाफ सफल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी दी।
राष्ट्रपति भवन में हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में सीडीएस जनरल अनिल चौहान, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह, और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी शामिल हुए। राष्ट्रपति मुर्मु, जो भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर हैं, ने इस दौरान सेना के पराक्रम, साहस और समर्पण की सराहना की।
राष्ट्रपति भवन से जारी बयान में कहा गया है कि “सशस्त्र बलों के पराक्रम ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया को एक ऐतिहासिक सफलता में बदल दिया।”
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या कर दी थी। इसके जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके स्थित नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाते हुए उन्हें ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी ढेर किए गए।
यह ऑपरेशन न सिर्फ भारत की सैन्य शक्ति का प्रतीक बना, बल्कि यह दुनिया को भारत के आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का स्पष्ट संदेश भी है।