बरेली, 20 जून।
भोजीपुरा क्षेत्र में वर्ष 2009 की डकैती में वांछित चल रहे 50 हजार रुपये के इनामी डकैत को पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मिलकर राजस्थान के अलवर जिले से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सतीश उर्फ मनीष पुत्र मनोहर (उर्फ अजय), निवासी ग्राम बनपोई, थाना मोहम्मदाबाद, जनपद फर्रुखाबाद, पिछले 16 वर्षों से फरार था और अपनी पहचान छुपाकर ‘मनीष’ नाम से ऑटो चला रहा था।
गिरफ्तारी का स्थान और खुलासा
एसटीएफ को पुख्ता सूचना मिली कि सतीश उर्फ मनीष, अलवर के खेरथल कस्बे की जाट कॉलोनी, वार्ड नंबर 25 आनंद नगर में रह रहा है। टीम ने हरसौली फाटक के पास दबिश देकर उसे गिरफ्तार किया और भोजीपुरा पुलिस के सुपुर्द किया, जहां से उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया।
2009 में किया था डकैती का तांडव
पुलिस के अनुसार, सतीश घुमंतू जाति से ताल्लुक रखता है और वर्ष 2009 में अपने गिरोह के साथ भोजीपुरा क्षेत्र में दो जगहों से चार ट्रैक्टर-ट्राली और देवरनिया क्षेत्र के उदयपुर से दो ट्रैक्टर-ट्राली लूट ली थीं। इस मामले में गिरोह के छह सदस्य पहले ही गिरफ्तार हो चुके थे, लेकिन सतीश तब से फरार था।
साथियों की गिरफ्तारी और मृत्यु
पूछताछ के दौरान सतीश ने बताया कि उसके साथी जंडैल और सुजान (भिंड, मध्यप्रदेश निवासी) पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि गिरोह का एक अन्य सदस्य राहुल अब इस दुनिया में नहीं है।
असली पहचान छुपा कर नया जीवन
पुलिस और एसटीएफ से बचने के लिए सतीश ने मनीष नाम अपनाया और राजस्थान में आम आदमी की तरह जीवन जीने लगा। वह खेरथल में ऑटो चला रहा था और पूरी तरह से खुद को अपराध की दुनिया से दूर दिखा रहा था।
अधिकारी का बयान
एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक अब्दुल कादिर ने बताया, “वर्ष 2009 में भोजीपुरा क्षेत्र में डकैती के मामले में वांछित 50 हजार के इनामी बदमाश को हमारी टीम ने अलवर से गिरफ्तार किया है। पूछताछ और कानूनी कार्रवाई जारी है।”