ढाका, 27 मई। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा जारी सरकारी सेवा (संशोधन) अध्यादेश-2025 को लेकर देशभर में सरकारी कर्मचारियों में असंतोष फैल गया है। विरोध बढ़ता देख राजधानी ढाका स्थित राष्ट्रीय सचिवालय को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है। सभी गेटों पर भारी संख्या में पुलिस, एपीबीएन, बीजीबी, एसडब्ल्यूएटी और आरएबी के जवानों को तैनात किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, भेदभाव विरोधी कर्मचारी एकता मंच के आह्वान पर हजारों कर्मचारी अध्यादेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। मंच ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अध्यादेश रद्द नहीं किया तो यह आंदोलन राष्ट्रव्यापी बन सकता है। वहीं, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) ने सचिवालय और आसपास के क्षेत्रों में सभी प्रकार की सभाओं और बैठकों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
क्या है अध्यादेश में?
सरकारी सेवा संशोधन अध्यादेश-2025 के तहत यदि कोई कर्मचारी आदेश की अवहेलना करता है, बिना अनुमति के अनुपस्थित रहता है या दूसरों के कार्य में बाधा डालता है, तो उसे पदावनति, निष्कासन या बर्खास्तगी जैसे दंड का सामना करना पड़ सकता है।
भारी विरोध के बीच, कर्मचारी नेताओं ने लोक प्रशासन सचिव और कैबिनेट सचिव को हटाने की मांग की है। आंदोलन के दूसरे दिन भी सचिवालय के बाहर सख्त सुरक्षा व्यवस्था और आम जनता के प्रवेश पर रोक बनी रही।
टिप्पणी:
सरकार का कहना है कि यह संशोधन प्रशासनिक अनुशासन बनाए रखने के लिए है, जबकि कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि यह कानून तानाशाही प्रवृत्ति को बढ़ावा देगा और कर्मचारियों की आवाज दबाने का माध्यम बनेगा।