पटना, 27 मई।
बिहार में रेल नेटवर्क को सुदृढ़ करने और पर्यटन व सामाजिक महत्व के क्षेत्रों को बेहतर तरीके से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को छह अहम रेल परियोजनाओं का प्रस्ताव भेजा है। इस संबंध में बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखकर आग्रह किया है।
उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि रेल परिवहन न केवल लोगों और सामान के आवागमन का सुगम माध्यम है, बल्कि बिहार जैसे राज्य के समग्र आर्थिक विकास में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रमुख परियोजनाएं जिनकी मांग की गई:
1. बुद्ध सर्किट रेल कॉरिडोर:
मुख्य सचिव ने पटना-गया-तिलैया-राजगीर-फतुहा मार्ग पर सर्कुलर ट्रेन सेवा शुरू करने का सुझाव दिया है। साथ ही बख्तियारपुर-तिलैया रेल मार्ग के दोहरीकरण को स्वीकृति देने की मांग की है, ताकि बोधगया और राजगीर आने-जाने वाले पर्यटकों को सुविधा मिल सके।
2. दक्षिण बिहार उपनगरीय नेटवर्क:
बक्सर, भोजपुर, रोहतास, लखीसराय, मुंगेर, शेखपुरा, भागलपुर, जमुई और बांका जिलों को राजधानी पटना से जोड़ने के लिए मुंबई की तर्ज पर लोकल ट्रेन सेवा शुरू करने का प्रस्ताव है। इसके लिए तीसरी और चौथी लाइन की आवश्यकता बताई गई है।
3. उत्तर बिहार उपनगरीय नेटवर्क:
सीवान, सारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और दरभंगा को पटना से जोड़ने के लिए उपनगरीय रेल नेटवर्क की योजना बनाई गई है। सीवान-छपरा-हाजीपुर-मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर-दरभंगा खंड में अतिरिक्त रेल लाइनों की मांग की गई है।
4. पटना क्षेत्रीय परिवहन नेटवर्क:
फतुहा और बिदुपुर के बीच एक नया रेल पुल बनाने की मांग की गई है। साथ ही पटना-पटना साहिब-फतुहा-बिदुपुर-हाजीपुर-सोनपुर-पाटलिपुत्र-पटना मार्ग पर क्षेत्रीय परिवहन नेटवर्क विकसित करने का प्रस्ताव दिया गया है।
5. उच्च घनत्व नेटवर्क:
डीडीयू-बक्सर-आरा-पटना-किउल खंड में भारी यात्री संख्या के चलते तीसरी और चौथी लाइन को शीघ्र मंजूरी देने की मांग की गई है।
6. आरा-छपरा रेल पुल:
गंगा नदी पर आरा और छपरा के बीच एक नया रेल पुल बनाए जाने का सुझाव दिया गया है, जिससे उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क और तेज़ व सुविधाजनक हो सके।
मुख्य सचिव ने इन सभी परियोजनाओं पर गंभीरता से विचार करने की अपील की है और राज्य सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है।