कोलकाता, 16 मई।
भारत के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति बीआर गवई की नियुक्ति पर कानूनी जगत में हर्ष की लहर है। कोलकाता के प्रमुख कर और विधि विशेषज्ञों ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए उनके कार्यकाल को न्यायपालिका के लिए प्रेरणादायी बताया है।
अखिल भारतीय कर पेशेवर महासंघ (AIFTP) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट नारायण जैन ने इस अवसर पर न्यायमूर्ति गवई के साथ जुड़ी पुरानी यादें साझा करते हुए उन्हें बधाई दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में सारनाथ में आयोजित AIFTP के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान न्यायमूर्ति गवई ने ‘हाउ टू हैंडल इनकम टैक्स प्रॉब्लम्स’ नामक पुस्तक का विमोचन किया था। यह पुस्तक एडवोकेट जैन और चार्टर्ड अकाउंटेंट दिलीप लोयलका द्वारा संयुक्त रूप से लिखी गई थी।
इस विशेष मौके पर सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायमूर्ति विनीत सरन, कृष्ण मुरारी, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ए.के. मिश्रा, पीयूष अग्रवाल, और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीपी भट्ट भी उपस्थित थे।
एडवोकेट जैन ने यह भी जानकारी दी कि इस पुस्तक का नया संस्करण तैयार किया जा रहा है, जिसका विमोचन अगले महीने प्रस्तावित है।
इस बीच, लीगल रिलीफ सोसाइटी के अध्यक्ष एडवोकेट आर.डी. काकरा ने भी न्यायमूर्ति गवई को भारत का मुख्य न्यायाधीश बनने पर बधाई दी और उन्हें भारतीय न्यायपालिका के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
न्यायमूर्ति गवई की नियुक्ति से न्यायपालिका में नए विचारों और संवेदनशील नेतृत्व की उम्मीदें और भी प्रबल हो गई हैं।