कोलकाता, 16 अप्रैल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए तीन लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। यह घोषणा उन्होंने मंगलवार को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित इमाम और मोअज्जिनों की बैठक के दौरान की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ पूरी तरह खड़ी है। जिन लोगों के घर और दुकानें इस हिंसा में क्षतिग्रस्त हुई हैं, उन्हें भी उचित मुआवजा प्रदान किया जाएगा। ममता बनर्जी ने बताया कि “बांग्लार बाड़ी” योजना के तहत जिन लोगों के घर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, उन्हें दोबारा घर बनाकर दिए जाएंगे।
दुकानों और अन्य संपत्तियों को हुए नुकसान का मूल्यांकन राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत की निगरानी में किया जाएगा, जिसके आधार पर प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस हिंसा को पूर्व नियोजित साजिश बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि रामनवमी के अवसर पर भाजपा की ओर से दंगा फैलाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन वह विफल रही। उन्होंने कहा, “मुर्शिदाबाद में जो कुछ भी हुआ, वह पहले से तय साजिश का हिस्सा था।”
ममता बनर्जी ने वक्फ कानून में हाल ही में किए गए संशोधनों को ‘अत्याचारी’ बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि इस तरह के कानून को लागू न किया जाए। उन्होंने कहा कि यह विधेयक देश के संघीय ढांचे के विरुद्ध है।
मुख्यमंत्री ने बीएसएफ की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी रिपोर्टें मिली हैं, जिनमें दावा किया गया है कि हिंसा में सीमा पार से आए लोगों की संलिप्तता हो सकती है। उन्होंने कहा, “सीमा की रक्षा करना बीएसएफ की जिम्मेदारी है। मुझे बताया गया है कि बीएसएफ की गोली से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं।”
उन्होंने बताया कि हिंसा की घटनाओं में कई लोग घायल हुए हैं, और बहुत से लोग डर के कारण अपने घर छोड़कर भाग गए थे। प्रशासन अब उन्हें सुरक्षित रूप से घर वापस लाने की प्रक्रिया में जुटा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूती, जंगीपुर, शमशेरगंज और फरक्का जैसे क्षेत्रों में स्थिति अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।
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