बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के मुंबई स्थित बंगले ‘मन्नत’ में प्रस्तावित बदलाव कानूनी विवादों में घिर गए हैं। मुंबई के सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दौंडकर ने शाहरुख खान पर तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है, जिसके चलते यह मामला महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (MCZMA) के समक्ष विचाराधीन है। इस संबंध में अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दौंडकर ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि ‘मन्नत’ के नवीनीकरण के दौरान आवश्यक अनुमति नहीं ली गई। आरोप है कि शाहरुख खान ने बिना आधिकारिक मंजूरी के अपने बंगले में संरचनात्मक बदलाव किए, जिससे तटीय विनियमन क्षेत्र अधिनियम (CRZ) के नियमों का उल्लंघन हुआ है। इस मामले में एनजीटी ने दौंडकर को अपने दावों के समर्थन में सबूत प्रस्तुत करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है। यदि वह सबूत प्रस्तुत करने में असफल रहते हैं, तो उनकी याचिका खारिज की जा सकती है।
शाहरुख खान का ‘मन्नत’ बांद्रा के पॉश इलाके में स्थित एक आलीशान बंगला है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 200 करोड़ रुपये बताई जाती है। यह बंगला न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर संरचना (ग्रेड III) में शामिल है, बल्कि पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी है। प्रशंसक अक्सर इस बंगले के बाहर खड़े होकर तस्वीरें खिंचवाते हैं और इस प्रतिष्ठित संपत्ति की झलक पाने के लिए घंटों इंतजार करते हैं।
इस विवाद में एक और अहम पहलू यह है कि आरोप लगाया गया है कि शाहरुख खान ने जन आवास के लिए बने 12 वन-बीएचके फ्लैट्स को एक बड़े घर में तब्दील कर दिया है। यदि यह आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह नियमों का गंभीर उल्लंघन माना जाएगा।
न्यायिक सदस्य दिनेश कुमार सिंह और विशेषज्ञ सदस्य विजय कुलकर्णी की अगुवाई में इस मामले की सुनवाई जारी है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि यदि शाहरुख खान या MCZMA द्वारा किसी नियम का उल्लंघन किया गया है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी। 23 अप्रैल को इस मामले की अगली सुनवाई निर्धारित की गई है, जिसमें कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।