नई दिल्ली, 09 मई । पाकिस्तान की ओर से हाल ही में किए गए ड्रोन हमलों और संघर्ष विराम उल्लंघनों के बीच देश की सुरक्षा स्थिति पर गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। साउथ ब्लॉक में करीब दो घंटे चली इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भाग लिया। सभी अधिकारी लड़ाकू वर्दी में पहुंचे, जिससे स्पष्ट संदेश गया कि देश किसी भी स्थिति से निपटने को पूरी तरह तैयार है।

बैठक में सरकार को भरोसा दिलाया गया कि भारतीय सशस्त्र बल राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम हैं और हर नापाक हरकत का सख्ती से जवाब दिया जाएगा। यह बैठक ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद हुई, जिसमें भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था।
पाकिस्तानी ड्रोन हमले नाकाम
8-9 मई की मध्यरात्रि को पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर झुंड में ड्रोन भेजने की कोशिश की। भारतीय सेना की सतर्कता और सटीक कार्रवाई के चलते ये हमले विफल कर दिए गए। उधमपुर, सांबा, जम्मू, अखनूर, नगरोटा और पठानकोट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सेना ने काउंटर-ड्रोन ऑपरेशन के तहत 50 से अधिक ड्रोन को निष्क्रिय किया।
इस दौरान एल-70 गन, ज़ू-23 मिमी तोपें, शिल्का सिस्टम और अन्य उन्नत तकनीकों का व्यापक रूप से उपयोग किया गया। इन प्रयासों से भारत की वायु सुरक्षा क्षमता की मजबूती स्पष्ट हुई।
‘आकाश’ प्रणाली की अहम भूमिका
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि भारत में विकसित ‘आकाश’ सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली ने इन हमलों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह प्रणाली मोबाइल और स्थिर दोनों प्रकार के सैन्य ढांचों को हवाई खतरों से बचाने के लिए तैयार की गई है। इसके पास रीयल टाइम मल्टी-सेंसर डेटा प्रोसेसिंग और एक साथ कई लक्ष्यों पर निशाना साधने की क्षमता है।
भारतीय सेना और वायु सेना दोनों ने इसे सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात किया है। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से किए गए किसी भी उकसावे को सख्ती से कुचला जाएगा और देश की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं होगा।