नई दिल्ली, 10 मार्च । संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत के पहले दिन सोमवार को विपक्षी दलों ने दोनों सदनों में जोरदार हंगामा किया। राज्यसभा में नारेबाजी के बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हुई। इस आचरण पर राज्यसभा में सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा ने नाराजगी जताई और उपसभापति हरिवंश से विपक्षी सदस्यों के लिए फ्रेशर कोर्स कराने की सिफारिश की।

सोमवार को राज्यसभा में नियम 267 के तहत दिए गए सभी नोटिस को उपसभापति ने खारिज कर दिया और सदन की कार्यवाही शुरू की। इस पर विपक्षी दलों के कुछ सदस्य और नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तय विषय से हटकर मतदाता सूची में कथित हेराफेरी का मुद्दा उठाने लगे। उपसभापति ने सभापति द्वारा 8 दिसंबर 2022 और 19 दिसंबर 2022 को दी गई व्यवस्था का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि यह मुद्दा फिलहाल रिकॉर्ड पर नहीं लिया जाएगा। इसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी और अंततः वॉकआउट कर दिया।
विपक्ष के इस रवैये की आलोचना करते हुए नेता सदन जे.पी. नड्डा ने इसे गैर-जिम्मेदाराना बताया। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूं कि नियम 267 के तहत कुछ लोग बार-बार नोटिस दे रहे हैं, जबकि सभापति ने कई बार स्पष्ट किया है कि इन नियमों के तहत कार्यवाही कैसे संचालित होगी। विपक्ष का यह आचरण संसदीय प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। वे चर्चा से बच रहे हैं।”
नड्डा ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन संसदीय नियमों का पालन करना आवश्यक है। उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्ष का गैर-जिम्मेदाराना रवैया लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के लिए सही नहीं है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी साख बढ़ाई है और सरकार विकास कार्यों को प्राथमिकता दे रही है।