ब्रासीलिया (ब्राजील), 03 जून। भारत द्वारा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ को ब्राजील ने खुला समर्थन दिया है। शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय संसदीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने ब्राजील के उच्च अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के पश्चात क्षेत्र में बने हालात की जानकारी दी।
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने बताया कि ब्राजील ने भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों की सराहना की और पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे सीमा पार आतंकवाद की स्पष्ट निंदा की। प्रतिनिधिमंडल ने ब्राजील की संसद के अध्यक्ष, कार्यवाहक विदेश मंत्री और भारत-ब्राजील मैत्री समूह के सांसदों से भी मुलाकात की।
सूर्या ने कहा कि लैटिन अमेरिका में ब्राजील की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और उसका समर्थन भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसदों ने तीन दौर की महत्वपूर्ण बैठकें कीं, जिनमें आतंकवाद के विरुद्ध भारत के रुख को पूर्ण समर्थन मिला।
प्रतिनिधिमंडल में सरफराज अहमद, गंटी हरीश मधुर, शशांक मणि त्रिपाठी, भुवनेश्वर कलिता, तेजस्वी सूर्या और पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल थे। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ब्राजील की उप विदेश मंत्री मारिया लॉरा दा रोचा के साथ बैठक को “सफल और सहयोगात्मक” बताया।
लाइबेरिया में भाजपा नेता एसएस अहलूवालिया ने पाकिस्तान को एक “खराब पड़ोसी” बताते हुए कहा कि वह आतंकवाद का केंद्र बन चुका है। वहीं, बीजू जनता दल के सांसद सस्मित पात्रा ने कहा, “आतंकवादियों में अच्छा या बुरा नहीं होता, वे केवल आतंकवादी होते हैं।”
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने दो टूक कहा कि आतंकवाद वैश्विक संकट है और दुनिया को एकजुट होकर इसका मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को “मानवता पर हमला” बताया।
काहिरा (मिस्र) में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि अब समय आ गया है कि उन देशों पर प्रतिबंध लगाया जाए जो आतंकवाद को अपनी विदेश नीति का उपकरण बनाते हैं। दुर्भाग्यवश, पाकिस्तान इसमें सबसे आगे है।
स्पेन के मैड्रिड में डीएमके सांसद कनिमोझी ने बताया कि उन्होंने स्पेन के विदेश मंत्री, सीनेट के सदस्यों और स्पेन-इंडिया काउंसिल से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पीड़ितों के संघ से भी उनकी बैठक हुई और स्पेन ने भारत को आतंकवाद विरोधी लड़ाई में सहयोग का आश्वासन दिया है।
बताया गया है कि रूस, लातविया, स्लोवेनिया, ग्रीस और स्पेन की यात्रा पूरी करने के बाद कनिमोझी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल भारत लौटेगा। वे चेन्नई पहुंचेंगी जबकि शेष सदस्य दिल्ली में होंगे।