कोलकाता, 19 जून। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर सनातन धर्म और हिंदू आस्था के अनादर का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि पूर्व मेदिनीपुर जिले के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर, दीघा में भगवान जगन्नाथ का पवित्र प्रसाद गैर-हिंदुओं, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा तैयार और वितरित किया जा रहा है।
मालवीय ने अपने ‘X’ (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर एक आधिकारिक सूची साझा की, जिसमें कुछ गैर-हिंदू नामों का उल्लेख है। उन्होंने इसे प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि जानबूझकर किया गया धार्मिक उकसावा बताया।
उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक चूक नहीं है, बल्कि सुनियोजित तरीके से हिंदू भावनाओं को आहत करने का प्रयास है। ममता बनर्जी बिना किसी डर के आस्थाओं को रौंद रही हैं।”
मुर्शिदाबाद के सुती ब्लॉक का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि गाजा और पेड़ा जैसी मिठाइयों को भगवान जगन्नाथ का प्रसाद बताकर बांटा जा रहा है, और इनका निर्माण मुख्यतः मुस्लिम दुकानदारों व राशन डीलरों से कराया गया है।
मालवीय ने यह भी स्पष्ट किया कि पुरी (ओडिशा) के श्रीजगन्नाथ धाम मंदिर की परंपराओं के अनुसार गैर-हिंदुओं को मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होती। ऐसे में बंगाल सरकार द्वारा उन्हीं परंपराओं को तोड़ते हुए गैर-हिंदुओं से प्रसाद बनवाना धार्मिक भावनाओं का अपमान है।
उन्होंने कहा कि “यह सिर्फ धर्मनिरपेक्षता के नाम पर किया गया कदम नहीं है, बल्कि यह आस्थाओं के साथ खेल है। यह भगवान जगन्नाथ के भक्तों के साथ क्रूर मजाक है। बंगाल इससे बेहतर का हकदार है।”
अमित मालवीय वर्तमान में भाजपा के बंगाल केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में काम कर रहे हैं और राज्य की राजनीतिक-सांस्कृतिक गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखते हैं। फिलहाल, राज्य सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।