नई दिल्ली, 12 जून।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को सफल बनाने के लिए गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष इस दिशा में सक्रिय रूप से समाधान खोजने में जुटे हुए हैं।
भारत-स्वीडन उच्च स्तरीय व्यापार एवं निवेश नीति फोरम को संबोधित करते हुए मंत्री गोयल ने बताया कि दोनों पक्ष FTA वार्ता को अंतिम रूप देने के करीब पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ की कंपनियों के लिए व्यापार को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए व्यापक चर्चाएं हो रही हैं।
एक्स पोस्ट पर जारी बयान में गोयल ने कहा,
“भारत-स्वीडन उच्च स्तरीय व्यापार और निवेश नीति फोरम में स्वीडिश उद्यम परिसंघ को संबोधित करने और स्वीडन व भारत के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ संवाद कर मुझे प्रसन्नता हुई। प्रस्तावित भारत-ईयू एफटीए पर संयुक्त पत्र हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो मजबूत आर्थिक संबंध और समावेशी विकास की दिशा में एक कदम है।”
गोयल ने कहा कि भारत-स्वीडन सहयोग यह दिखाता है कि कैसे दो भिन्न आर्थिक संरचनाएं साझा दृष्टिकोण और सहयोग के माध्यम से आपसी लाभ उत्पन्न कर सकती हैं। इन विचार-विमर्शों को ठोस व्यापारिक अवसरों में बदलने की उम्मीद है।
अपनी स्वीडन यात्रा के दौरान, मंत्री ने टेट्रापैक की मैनेजिंग डायरेक्टर मैरी सैंडिन से भी मुलाकात की। इस दौरान टिकाऊ पैकेजिंग समाधानों, अनुसंधान एवं विकास (R&D) में सहयोग, और उन्नत उपकरण निर्माण में क्षमताओं के विस्तार पर चर्चा हुई।
उन्होंने स्वीडन-भारत व्यापार परिषद और भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक रात्रिभोज में स्वीडिश बिजनेस लीडर्स से मुलाकात की और भारत में निवेश के अवसरों को उजागर किया।
गौरतलब है कि भारत और 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ के बीच 2013 में रुकी FTA वार्ता को जून 2022 में फिर से शुरू किया गया था। पहले यह वार्ता बाजार खोलने के मुद्दों पर मतभेद के चलते रोक दी गई थी।
मंत्री गोयल की यह यात्रा भारत-स्वीडन व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की जा रही है।

