पटना/मधुबनी, 24 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुरुवार को मधुबनी जिले के बिथान से समस्तीपुर के बीच नई रेल सेवा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। आजादी के बाद यह पहली बार है जब बिथान से नियमित रेल सेवा की शुरुआत हुई है, जिससे स्थानीय लोगों में उत्साह का माहौल है।

माना जा रहा है कि इस रेल सेवा के शुरू होने से लंबे समय से उपेक्षित रहे मिथिलांचल क्षेत्र में विकास की रफ्तार तेज होगी। बिथान क्षेत्र में परिवहन के सीमित साधनों के कारण लोगों को खासकर बाढ़ के दौरान हसनपुर पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता था।
पचास वर्षों से लंबित थी परियोजना
हसनपुर-सकरी के बीच 79 किलोमीटर लंबी इस रेल परियोजना पर पिछले पचास वर्षों से काम चल रहा था। हाल ही में पर्यावरणीय कारणों से कुशेश्वर पक्षी विहार के समीप रेलवे ट्रैक का रूट परिवर्तित किया गया, जिससे परियोजना को आगे बढ़ाने में मदद मिली। हसनपुर से बिथान तक की करीब 11 किलोमीटर रेल पटरी पिछले वर्ष ही पूरी हो गई थी और सीआरएस (कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी) ने निरीक्षण के बाद ट्रेन संचालन की अनुमति दे दी थी, लेकिन सेवा शुरू नहीं हो सकी थी।
इतिहास में कई बार रोकी गई परियोजना
इस रेल लाइन की योजना सबसे पहले 1951 में बनाई गई थी, लेकिन बाढ़ संभावित क्षेत्र होने के कारण 1953 में रेलवे बोर्ड ने इसे असंभव बताया। 1972 में तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा ने इसका सर्वे कराने की घोषणा की थी, लेकिन समस्तीपुर बम धमाके में उनकी मृत्यु के बाद योजना ठंडे बस्ते में चली गई। 1997 में रामविलास पासवान ने इसे पुनर्जीवित किया और शिलान्यास भी किया, लेकिन उनके पद से हटने के बाद फंड की कमी से कार्य रुक गया।
लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री बनने पर इस परियोजना को दोबारा गति मिली, लेकिन 2008 में दरभंगा के तत्कालीन डीएफओ द्वारा पर्यावरणीय चिंताओं के चलते निर्माण पर रोक लगा दी गई थी।
क्षेत्रीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस रेल लाइन के शुरू होने से न सिर्फ मिथिलांचल के दूरदराज़ के इलाकों में आवागमन सुलभ होगा, बल्कि समस्तीपुर, खगड़िया और दरभंगा जैसे जिलों को भी लाभ मिलेगा। इसके अलावा दक्षिण बिहार से मिथिलांचल की दूरी भी घटेगी, जिससे सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी।