बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता सुनील शेट्टी ने हाल ही में अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कुछ भावुक बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में नाम कमाना आसान नहीं होता — इसके लिए सालों की मेहनत, धैर्य और अस्वीकृति का सामना करना पड़ता है।

एक साधारण दक्षिण भारतीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले सुनील शेट्टी के पास कोई गॉडफादर नहीं था। जब उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा, तो उन्हें कई तरह की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उनकी पहली फिल्म बलवान (1992) बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही, लेकिन इसके बावजूद कुछ आलोचकों ने उनके अभिनय और व्यक्तित्व की कड़ी आलोचना की।
एक प्रमुख आलोचक ने तो यहां तक कह दिया था कि सुनील शेट्टी को अपने होटल में इडली-वड़ा बेचना चाहिए। इस पर सुनील ने कहा, “उसे लगा कि वह मेरा मज़ाक उड़ा रहा है, लेकिन मेरे परिवार ने उसी होटल से आत्मसम्मान और शिक्षा हासिल की है। इडली-वड़ा बेचना कभी शर्म की बात नहीं रही।”
अपने करियर के शुरुआती दौर में सुनील की दो फिल्में फौलाद और आरज़ू अधूरी रह गईं। आरज़ू की करीब 60 दिनों तक शूटिंग हुई थी, लेकिन निर्माता-निर्देशक के बीच मतभेदों की वजह से फिल्म पूरी नहीं हो पाई।
एक इंटरव्यू में उन्होंने अक्षय कुमार के साथ अपने रिश्ते का जिक्र भी किया। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने पहली बार अक्षय को देखा, तो उन्हें अपने दिवंगत चचेरे भाई की याद आ गई। शूटिंग के दौरान उन्होंने अक्षय से कहा था, “आपके साथ काम करने में डर लगता है, क्योंकि जब भी आपको देखता हूं, मुझे अपने भाई की याद आ जाती है।”
काम के मोर्चे पर बात करें तो सुनील शेट्टी जल्द ही अक्षय कुमार के साथ वेलकम टू द जंगल और बहुप्रतीक्षित फिल्म हेरा फेरी 3 में नजर आएंगे।