इस्लामाबाद, 03 जून। पाकिस्तान के दो प्रांतों में बीते 24 घंटों के दौरान दो अलग-अलग पुलिस थानों पर आतंकी हमले की घटनाएं सामने आई हैं। इसके अलावा, बलूचिस्तान में हुए एक सुरक्षाबल अभियान में सात बलूच लड़ाकों को मार गिराया गया है। पाकिस्तान इन लड़ाकों को आतंकी करार दे रहा है, जबकि बलूच समुदाय उन्हें स्वतंत्रता सेनानी मानता है, जो लंबे समय से पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हैं।
दुनिया न्यूज टीवी चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बाजौर और बन्नू जिलों में पुलिस स्टेशनों पर आतंकियों ने देर रात हमला किया। आईजी पुलिस जुल्फिकार हमीद ने बताया कि लोई मामुंड (बाजौर) और मिरयान (बन्नू) के थानों पर हुए इन हमलों को पुलिस ने बहादुरी से विफल कर दिया। हमलावरों को खदेड़ दिया गया और किसी बड़े नुकसान से बचाव हो सका। आईजी ने पुलिसकर्मियों के लिए सम्मान पत्र और इनाम देने की घोषणा की है।
इसी दौरान, बलूचिस्तान के कच्छी जिले के माच और कलात जिले के मार्गंड क्षेत्रों में किए गए खुफिया आधारित ऑपरेशनों में कुल सात बलूच लड़ाके मारे गए। पाकिस्तान सेना के मीडिया विंग आईएसपीआर ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि ये सभी “आतंकी” थे और इनका संबंध संगठन ‘फितना अल हिंदुस्तान’ से बताया गया है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान बलूच आंदोलन को दबाने के लिए धार्मिक रंग देने की कोशिश करता रहा है। बलूच विद्रोहियों को ‘भारत समर्थित एजेंट’ कहकर बदनाम करने की कोशिश की जाती है। इसी तरह, पाकिस्तान टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) को भी ‘फितना अल खवारिज’ जैसे धार्मिक अपशब्दों से संबोधित करता है। डीजी आईएसपीआर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने फिर दोहराया कि बलूचिस्तान को पाकिस्तान से कभी अलग नहीं होने दिया जाएगा।