देहरादून, 02 मई । द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक, भगवान केदारनाथ धाम के कपाट बृष लग्न के शुभ मुहूर्त में गुरुवार सुबह सात बजे विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस पावन अवसर पर पूरी केदारपुरी ‘हर हर महादेव’ के जयकारों से गूंज उठी। सेना के बैंड की भक्तिमयी धुनों और हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने माहौल को और अधिक दिव्य बना दिया।

करीब 15 हजार श्रद्धालुओं ने कपाटोद्घाटन के ऐतिहासिक क्षण का साक्षात अनुभव किया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर मंदिर में प्रथम पूजा कर देशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर पहला संकल्प लिया। उन्होंने कपाट खुलने पर समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं भी दीं।
सुबह 3 बजे से ही श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंचने लगे थे। मंदाकिनी और सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर स्थित इस दिव्य धाम में सुबह 5 बजे तक मंदिर परिसर भक्तों से भर चुका था। ठीक 6:30 बजे रावल भीमाशंकर लिंग और मुख्य पुजारी बागेश लिंग चांदी की प्रभा के साथ दक्षिण द्वार पर पहुंचे, जहां श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल और अन्य अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
इसके बाद मंदिर समिति के सीईओ द्वारा कपाटोद्घाटन प्रक्रिया की जानकारी दी गई। सभी धार्मिक परंपराओं का पालन करते हुए, सात बजे भगवान केदारनाथ के कपाट विधिवत रूप से खोल दिए गए। इसके बाद गर्भगृह में मुख्य पुजारी ने भगवान को समाधि रूप से जागृत कर पूजन किया और धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए।
करीब साढ़े आठ बजे से श्रद्धालुओं को गर्भगृह में दर्शन की अनुमति दी गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, उपजिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला और बीकेटीसी के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।