रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड), 02 मई । भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज ब्रह्म मुहूर्त में वृष लग्न के शुभ अवसर पर विधिविधान से प्रातः 7 बजे श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोल दिए गए। कपाटोद्घाटन के पावन अवसर पर सेना की भक्ति-धुनों और हजारों श्रद्धालुओं के जयकारों से समूची केदारपुरी आध्यात्मिक उल्लास से भर उठी।

सुबह तीन बजे से ही श्रद्धालु मंदिर परिसर में एकत्र होने लगे थे और प्रातः पांच बजे तक पूरा परिसर भक्तों से खचाखच भर गया। लगभग 15 हजार श्रद्धालु इस शुभ क्षण के साक्षी बने।
प्रातः 6:30 बजे रावल भीमाशंकर लिंग और मुख्य पुजारी बागेश लिंग चांदी की प्रभा के साथ मंदिर के दक्षिण द्वार पर पहुंचे। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल और अन्य पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी ने कपाटोद्घाटन की विधि की जानकारी दी।
धार्मिक परंपराओं का पालन करते हुए और सभी औपचारिकताओं के पूर्ण होने के उपरांत ठीक 7 बजे भगवान श्रीकेदारनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोल दिए गए। इसके बाद गर्भगृह में मुख्य पुजारी द्वारा भगवान को समाधि रूप से जागृत कर पूजा-अर्चना संपन्न कराई गई। प्रातः 8:30 बजे से भक्तों को गर्भगृह के दर्शन प्रारंभ हुए।
इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंड़े, उपजिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला, बीकेटीसी के अधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।